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जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है । Jan jan ka chehra ek se Kavi ka kya taatparya hai 

subhshakti

नमस्ते स्टूडेंट आज के इस आर्टिकल में हम बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं के हिंदी विषय के अक्टूबर 2024 मासिक परिक्षा में पूछा गया एक महत्वपूर्ण प्रश्न “जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है”(Jan jan ka chehra ek se Kavi ka kya taatparya hai का जवाब दिया गया है। इस सवाल के चार अलग-अलग उत्तर दिए गए हैं और चारों ही उत्तर बिल्कुल सही हैं। आप इन उत्तर में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है । Jan jan ka chehra ek se Kavi ka kya taatparya hai 

Q. जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है । Jan jan ka chehra ek se Kavi ka kya taatparya hai 

उत्तर – कवयित्री पुत्र वियोग में खुद को असहाय और विवश मानती है क्योंकि उसने अपने बेटे के लालन-पालन में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी थी। वह हर समय बेटे के स्वास्थ्य और देखभाल का ख्याल रखती थी, लेकिन अब पुत्र के न रहने से वह खुद को अकेला और कमजोर महसूस कर रही है।

दूसरा उतर 

“जन जन का चेहरा एक” से कवि ने लोगों की एकता और समानता को व्यक्त किया है। इस पंक्ति में कवि बताना चाहते हैं कि सभी लोग मिलकर अपने समान अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं और शांति तथा समानता का संदेश फैलाते हैं। उनकी एकजुटता से समाज में बदलाव आ सकता है।

तीसरा उतर 

इस पंक्ति से कवि ने यह दर्शाया है कि लोगों का चेहरा चाहे अलग हो, पर उनके मन में समानता, न्याय और एकता की भावना होती है। ये लोग एकजुट होकर समाज में शांति और समानता की दिशा में कदम बढ़ाते हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं।

चौथा उतर 

इस पंक्ति से कवि यह बताना चाहते हैं कि समाज में हर व्यक्ति समानता और शांति की चाह रखता है। अलग-अलग स्थानों के लोग एक जैसे ही विचार रखते हैं और जब ये एक साथ आते हैं, तो अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं। उनका मकसद न्याय और बंधुत्व की स्थापना है।

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